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Czech Republic
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The basics

Quick Facts

Gender
Male
Place of birth
Olomouc, Olomouc District, Olomouc Region, Czech Republic
Age
69 years
Awards
Dr. George Grierson Award
(1996)
The details (from wikipedia)

Biography

डॉ॰ ओदोलेन स्मेकल (cs:Odolen Smékal, १८ अगस्त १९२८-१३ जून १९९८) चेकोस्लोवाकिया के सुप्रसिद्ध हिन्दी विद्वान और राजनयिक थे। सुदूर देश हिन्दुस्तान और उसकी विशिष्ट हिन्दी भाषा से प्रेम के कारण उन्होंने अपनी दो सन्तानों के नाम भी भारतीय एवं हिन्दी भाषा में ही रखे। चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राहा के चा‌र्ल्स विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम॰ए॰ व पीएच॰डी॰ करने के बाद प्रो॰ स्मेकल प्राहा विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक और भारत-विद्या विभाग के विभागाध्यक्ष रहे।

विश्वविद्यालय से अवकाश लेने के पश्चात् वे अनेक वर्षों तक भारत में चेकोस्लोवाकिया के राजदूत भी रहे। १९९६ में वे दो-दो बार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत व सम्मानित किये गये। १३ जून १९९८ को लगभग ७० वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हुई।

संक्षिप्त जीवन परिचय

डॉ॰ स्मेकल का जन्म चेकोस्लोवाकिया के ओलोमोउत्स नगर में १८ अगस्त १९२८ को हुआ था। उनका विवाह हेलेना नामक युवती से हुआ। उनकी पत्नी हेलेना भारतीय मानव विज्ञान की विशेषज्ञ थीं। मुख्यत: भारत और उसकी भाषा हिन्दी से प्रेम के कारण ही उन्होंने अपनी दो सन्तानों के नाम भारतीय एवं हिन्दी में रखे थे। उनकी बेटी का नाम इन्दिरा है जो १९६१ में जन्मी और बेटे का अरुण जिसका जन्म दो वर्ष बाद १९६३ में हुआ। उन्होंने चेकोस्लोवाकिया की राजधानी प्राहा के चा‌र्ल्स विश्वविद्यालय से हिन्दी में एम॰ए॰ किया तथा वहीं से पीएच॰डी॰ की उपाधि भी प्राप्त की। उसके बाद वे प्राहा विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्राध्यापक नियुक्त हो गये। तीस वर्षो तक प्राध्यापक के पद पर रहने के उपरान्त वे कई वर्षो तक भारत-विद्या विभाग के विभागाध्यक्ष रहे। अध्यापन कार्य से अवकाश लेने के बाद वे अनेक वर्षों तक भारत में चेकोस्लोवाकिया के राजदूत भी रहे। उन्होंने हिन्दी साहित्य की अनेक रचनाओं का चेक भाषा में अनुवाद किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने अनेक फुटकर कविताओं और लोक कथाओं को न केवल अनूदित किया बल्कि उनका प्रकाशन भी कराया। इन्होंने भारतीय संस्कृति तथा समाज के सम्बन्ध में प्रकाशित निबन्ध संग्रह भारत के नवरूप को १९७४ में पूर्ण किया। १३ जून १९९८ को लगभग ७० वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ।

प्रमुख कृतियाँ

डॉ॰ स्मेकल ने हिन्दी साहित्य की अनेक रचनाओं का चेक भाषा में अनुवाद किया। उनमें प्रमुख हैं:

  • प्रेमचन्द का गोदान - (१९५७),
  • भारतीय लोक कथाएँ - (१९६७),
  • भारतीय लोक कथाएँ - (१९७४),
  • भारत के नवरूप - (१९७४) और
  • आधुनिक हिन्दी कविता का संकलन - (१९७५)।

पुरस्कार और सम्मान

प्रो॰ स्मेकल के लिये १९९६ का वर्ष अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा। इस वर्ष उन्हें दो-दो बार अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत व सम्मानित किया गया:

  • डॉ॰ जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार: - केन्द्रीय हिन्दी संस्थान का विशिष्ट हिन्दी सेवी पुरस्कार
  • विदेशी हिन्दी विद्वान सम्मान: - त्रिनिदाद और टोबैगो के पाँचवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में

सन्दर्भ

  1. "हिन्दी के दिलदार विदेशी". समाचार 4 मीडिया डॉट कॉम. मूल से 10 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३० सितम्बर २०१३.
  2. "फोटो गैलरी". भारतीय वैश्लेषिक वैज्ञानिक समिति. मूल से 5 सितंबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३० सितम्बर २०१३.
  3. "डॉ॰ जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार". केन्द्रीय हिन्दी संस्थान. मूल से 3 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३० सितम्बर २०१३.
  4. "9वाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन, जोहान्सबर्ग (दक्षिण अफ्रीका)". विश्व हिन्दी सम्मेलन. मूल से 21 सितंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ३० सितम्बर २०१३.

इन्हें भी देखें

  • डॉ॰ जॉर्ज ग्रियर्सन पुरस्कार
  • विश्व हिन्दी सम्मेलन

बाहरी कड़ियाँ

The contents of this page are sourced from Wikipedia article. The contents are available under the CC BY-SA 4.0 license.
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