Jyotstra Milan
Quick Facts
Biography
ज्योत्स्ना मिलन (१९ जुलाई १९४१-५ मई २०१४) हिंदी की कवयित्री एवं कथाकार थीं। वे स्त्रियों के संगठन 'सेवा' के मासिक मुखपत्र 'अनसूया' की संपादक भी थीं। उन्हें महिलाओं के उत्थान तथा उनसे जुड़े संवेदनशील मुददों को अपनी लेखनी के माध्यम से अभिव्यक्त करने में महारत हासिल थी। वे वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री रमेशचन्द्र शाह की पत्नी थीं।
‘घर नहीं’ (कविता-संग्रह): ‘अ अस्तु का’ (उपन्यास) और ‘खंडहर और अन्य कहानियां’ (कहानी - संग्रह) इत्यादि उनकी प्रमुख कृतियां हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से उनकी रचनाएं प्रकाशित व प्रशंसित हुई है। साथ हीं वे अनेक मानद सम्मानों से सम्मानित भी हुईं हैं। उनका दिनांक 5 मई 2014 को रात लगभग आठ बजे निधन हो गया।
'हम सविता' श्री इला र. भट्ट की 'स्त्री-चिंतन की पुस्तक' का उन्होने अनुवाद एवं संपादन किया। साथ हीं इला बहन भट्ट के ऐतिहासिक उपन्यास 'लॉरी युद्ध' का अनुवाद और गुजराती के निरंजन भगत, सुरेश जोशी, लाल शंकर ठाकर, गुलाम मोहम्मद शेख, प्रियकांत मणियार एवं पवन कुमार जैन की कविताओं का भी उन्होने अनुवाद किया। वर्ष १९८५-८६ के लिए मध्यप्रदेश सरकार की मुक्तिबोध फेलोशिप एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय की सीनियर फेलोशिप उपन्यास लेखन के लिए। रामानुजम तथा धारवाडकर द्वारा संपादित 'दि ऑक्सफोर्ड एंथोलॉजी ऑफ इंडियन पोइट्री', आरलिन जाइड द्वारा संपादित 'इन देयर ऑन वॉइस' एवं १९९८ की श्रेष्ठ कहानियाँ के गुजराती संकलन में उनकी कहानी संकलित है।
सन्दर्भ
- ↑ "ज्योत्स्ना मिलन". अनुभूति. अभिगमन तिथि ६ मई २०१४.
- ↑ "वरिष्ठ लेखिका ज्योत्सना मिलन का निधन, शाम 4 बजे होगा अंतिम संस्कार". दैनिक भास्कर. ५ मई २०१४. अभिगमन तिथि ६ मई २०१४.
बाहरी कड़ियाँ
- ज्योत्स्ना मिलन से लूसी रोजेनटाइन की बातचीत प्रतिलिपि में।