Biography
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Quick Facts
Intro | Indian author | |
Places | India | |
was | Writer Novelist Author | |
Work field | Literature | |
Gender |
| |
Birth | 1851 | |
Death | 1887 (aged 36 years) |
Biography
लाला श्रीनिवास दास (1851-1887) हिंदी के उपन्यासकार और नाटककार थे। 25 नवम्बर 1882 को प्रकाशित उनके उपन्यास परीक्षा गुरू (1882) को रामचंद्र शुक्ल ने अंग्रेजी ढंग का हिंदी का पहला मौलिक उपन्यास कहा है। वे मथुरा के निवासी थे और हिंदी, उर्दू, संस्कृत, फारसी और अंग्रेजी के अच्छे ज्ञाता थे।
रचनाएं
- उपन्यास
- परीक्षा गुरू, 25 नवम्बर 1882 को प्रकाशित
- नाटक
- प्रह्लाद चरित्र
- तप्ता संवरण
- रणधीर और प्रेम मोहिनी
- संयोगिता स्वयंवर
निबंध : भरतखण्ड की समृद्धि,सदाचरण।
परीक्षा गुरु
परीक्षा गुरु उपन्यास सभ्रांत परिवारों के युवाओं को बुरी संगत के खतरनाक प्रभाव और परिणामस्वरूप गिरती नैतिकता के प्रति आगाह करता है। उस दौरान उभरते हुए मध्य वर्ग के आंतरिक और बाहरी दुनिया को दर्शाता है। इस उपन्यास में अपनी सांस्कृतिक पहचान को बचाए रखने के लिए औपनिवेशिक समाज को अपनाने में होने वाली कठिनाइयों को बख़ूबी दर्शाया गया है।
यह उपन्यास पाठक को जीने के सही तरीके को सिखाने की कोशिश करता है और सभी समझदार पुरुषों को सांसारिक बुद्धिमान और व्यावहारिक होने की उम्मीद करता है। यह अपनी परम्परा और संस्कृति के मूल्यों के साथ-साथ सम्मान के साथ जीने के लिए प्रेरित करता है।